डेयरी स्टेट, जबलपुर - सामान्य शर्तें

डेयरी स्टेट परियोजना,ग्राम - खम्हरिया, जबलपुर विकसित प्लाट आवंटन करने हेतु किरायेनामा की सामान्य शर्तें

म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम, (पशुपालन विभाग मध्यप्रदेश शासन) द्वारा इच्छुक हितग्राहियों को डेयरी व्यवसाय की गतिविधियों को संचालित करने हेतु डेयरी स्टेट, जबलपुर में उपलब्ध विकसित प्लाट को किराये पर देने हेतु आवेदन की शर्ते निम्नानुसार रखी गई हैं ।


(अ) हितग्राही पर निम्न शर्तें बंधनकारी होगी: -


1).    हितग्राही को आवंटित विकसित प्लाट के लिए 50 पैसे प्रतिवर्ग फुट प्रतिमाह की दर से भूखंड आवंटित किये जायेंगे | इसका भुगतान उसे उसी माह की 10 तारीख तक अनिवार्य रुप से करना होगा । उक्त अवधि के उपरांत देय राशि पर 18 प्रतिशत वार्षिक दर से प्रतिदिन ब्याज लिया जायेगा । किरायानामा 11 माह के लिए निष्पादित किया जायेगा तथा कार्य समीक्षा उपरांत पुनः आवंटन हेतु निष्पादित किया जावेगा ।

2).    हितग्राही पर 3 माह की अवधि का किराया शुल्क बकाया होने पर आवंटन निरस्त किया जा सकेगा । तथा बकाया किराये की ब्याज सहित राशि हितग्राही की सुरक्षा निधि से ली जाएगी | यदि हितग्राही सम्पूर्ण देय राशि ब्याज सहित एकमुश्त अदा करता है तो आवंटन अधिकांश सामान्य प्रब्याजि की 18 प्रतिशत राशि लेकर आवंटन पुनः निरन्तर कर सकेगा ।

3).    हितग्राही को आवंटित प्लाट का किराया निर्माण कार्य हेतु शुरु करने के माह से देय होगा तथा हितग्राही को किसी भी परिस्थिति में निर्माण कार्य आवंटन दिनांक से 6 माह की अधिकतम समय-सीमा में पूर्ण करना होगा । अन्यथा की स्थिति में आवंटित प्लाट निरस्ती योग्य होगा ।

4).   समय-समय पर की जाने वाली पुनरीक्षित दर अनुरुप हितग्राही द्वारा प्लाट किराया, की राशि का भुगतान हितग्राही को करना होगा ।

5).   हितग्राही पर बकाया, प्लाट किराया अथवा आवंटन अधिकारी द्वारा अन्य आरोपित देय राशियां, बकाया राशि की वसूली के समान वसूली योग्य होगी ।

6).   हितग्राही को जिस प्रयोजन के लिए प्लाट का आवंटन किया गया है उसी गतिविधि को किराये की अवधि में निरन्तर संचालित करेगा । यदि उसके द्वारा निरन्तर 6 माह तक गतिविधि का संचालन नहीं किया जाता है अथवा इकाई बंद रखी जाती है तो उसे आवंटित प्लाट निरस्त योग्य होगा तथा उसके द्वारा जमा की गई राशि राजसात की जायेगी । तथा हितग्राहियों को ब्लैकलिस्ट किया जायेगा

7).   आवंटित प्लाट का पूर्ण उपयोग करने, अन्तरण करने, आवंटन निरस्तीकरण एवं अपील करने आदि मामलों में वर्णित प्रावधान का पालन करना अनिवार्य होगा । अन्यथा आवंटन अधिकारी निरस्तीकरण की कार्यवाही कर सकेगा ।

8).   हितग्राही विकसित प्लाट को सुरक्षित रखेगा एवं उसके रख-रखाव व मरम्मत के कार्य कर उसे उत्तम स्थिति में बनाये रखेगा ।

9).   हितग्राही द्वारा प्लाट आवंटन के प्रकरणों में शेड एवं पशुओं का बीमा कराना अनिवार्य होगा तथा वह बीमा राशि भुगतान की रसीदें अपने पास सुरक्षित रखेगा तथा रसीद की एक छायाप्रति विभाग को देगा ।

10).   आवंटित परिसर में पर्यावरण संरक्षण हितग्राही का दायित्व होगा । वह ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जिससे कि पर्यावरण को क्षति पहुंचे ।

11).   हितग्राही गतिविधि संचालन हेतु मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों द्वारा निर्धारित नियमों/ प्रक्रियाओं का पालन करेगा तथा आवंटित परिसर में किसी भी प्रकरण की दुर्घटनाओं पर हो रहे नुकसान की भरपाई आवंटी विभाग द्वारा देय नहीं होगी । इसकी पूर्ण जिम्मेदारी हितग्राही की होगी ।

12).   हितग्राही को अपने एक उत्तराधिकारी को किरायानामा में नामांकित करने की सुविधा प्राप्त होगी । हितग्राही की मृत्यु होने की दषा में नामांकित व्यक्ति स्वमेव प्लाट की शेष अवधि के लिए हितग्राही मान्य होगा । हितग्राही को अधिकार होगा कि स्थायी विकलांगता एवं असाध्य रोग से ग्रसित होने की दषा में वह स्वेच्छा से अपने जीवनकाल में भी नामांकित व्यक्ति को हितग्राही मान्य करने हेतु आवंटन अधिकारी को आवेदन कर सकेगा ।

13).   हितग्राही विभाग द्वारा अधिकृत व्यक्ति को आवंटित परिसर में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा तथा अधिकृत व्यक्ति द्वारा लिखित में मांगी गयी समस्त जानकारियाॅं उपलब्ध कराएगा ।

14).   हितग्राही पारिवारिक या अन्य कारणवश अपना कार्य सुचारु रुप से संचालित करने में असमर्थ रहता है तथा स्वेच्छा से इकाई छोड़ने के लिए आवंटन करता है तो ऐसी स्थिति में उसके द्वारा लगाई गई धनराशि का भुगतान सभी गणना करने के बाद नये आवंटी (वेटिंग लिस्ट में चयन किये हुए हितग्राही से) प्राप्त कर भुगतान किया जायेगा ।

15).   यदि हितग्राही अपना कार्य सुचारु रुप से नहीं करता है एवं तीन माह तक समझाईश के बाद भी कोई प्रगति नहीं करता है, तो उसे कार्य में सुधार के लिए दो सप्ताह का समय दिया जायेगा । चेतावनी के बाद भी यदि कोई प्रगति नहीं होती है तो उसके निष्कासन का प्रकरण प्रोजेक्ट संचालन समिति (पी.एम.सी.) के समक्ष रखा जायेगा । पी.एम.सी. का निर्णय अंतिम एवं बंधनकारी होगा ।

16).   किरायानामा में ऐसे संशोधन हेतु जिसके लिये कोई शुल्क या प्रब्याजि राशि निर्धारित नहीं है, रु. 1,000/- संशोधन शुल्क होगा ।

17).   किसी भी प्रकार की वाद-विवाद की स्थिति निर्मित होने पर न्यायालयीन क्षेत्र जबलपुर होगा ।

18).   विवाद की स्थिति में प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्यपशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम, भोपाल द्वारा लिया गया निर्णय/ आदेश उचित होगा, जिसके विरुद्ध अपील प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पशुपालन विभाग को की जावेगी ।

19).   डेयरी स्टेट के सुचारु संचालन हेतु उपरोक्त नियम एवं शर्तों में आवश्यकतानुसार संशोधन करने का पूर्ण अधिकार मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम का होगा ।


(ब) प्रोजेक्ट संचालन समिति का प्रबंधन एवं कार्य -


निम्नानुसार प्रोजेक्ट संचालन समिति होगी -

1).    कार्यपालिक संचालक, म.प्र.रा.प. एवं कु.वि. निगम, भोपाल    -  अध्यक्ष
2).    उप-संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, संभाग, जबलपुर  -  उपाध्यक्ष
3).    कार्यपालिक अधिकारी, म.प्र.रा.प.एवं कु.वि. निगम  -  सचिव
4).    अध्यक्ष, डेयरी स्टेट, जबलपुर को-ऑपरेटिव समिति  -  सदस्य
5).    सचिव, डेयरी स्टेट, जबलपुर को-ऑपरेटिव समिति  -  सदस्य



*.    प्रोजेक्ट संचालन समिति का कार्य -


1).   प्लाट आवंटन/ निरस्तीकरण ।

2).   सुरक्षा निधि प्राप्त करना ।

3).   किराया प्राप्त एवं निर्धारण करना ।

4).   आवंटियों के मध्यवाद-विवाद का निपटारा करना ।

5).   शासन एवं आवंटियों के बीच समन्वय स्थापित करना ।


*.    विद्युत, जल, स्थानीय निकाय प्रभार एवं लागू होने वाले अन्य प्रभार प्रत्येक आवंटी को भुगतान करना अनिवार्य होगा । प्रभार भुगतान न करने की स्थिति में उपरोक्त सुविधाओं से आवंटी को वंचित होना पड़ेगा एवं नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी ।


*.    प्रत्येक आवंटी को 11000 वर्गफुट से 14999 वर्गफुट तक के भूखंड पर रु. 40,000/-, 15000 वर्गफुट से 20999 वर्गफुट तक के भूखंड पर रु. 60,000/- एवं 21000 वर्गफुट से 25000 वर्गफुट तक के भूखंड पर रु. 1,00,000/- सुरक्षा निधि 10 वर्ष तक के लिये जमा कराई जायेगी | हितग्राहियों से प्राप्त सुरक्षा निधि १० वर्ष के लिए लीज के रूप में जमा होगी | १० वर्ष के उपरांत नियमानुसार लीज रेंट में परिवर्तन किया जायेगा । इस राशि के ब्याज से डेयरी स्टेट क्षेत्र का रख-रखाव एवं प्रबंधक व्यवस्था की जावेगी । उक्त राशि पर आवंटी को कोई ब्याज देय नहीं होगा । सुरक्षा निधि आवंटन निरस्त होने की स्थिति या स्वेच्छा से छोड़ने पर प्रोजेक्ट संचालन समिति से नोड्यूस/ अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पष्चात् सुरक्षा निधि वापस कर दी जावेगी ।


*.    सहकारी समिति का गठन -


1).   डेयरी स्टेट की स्थानीय प्रबंधन व्यवस्था जैसे कि साफ-सफाई, सुरक्षा, सड़कों की मरम्मत, विद्युत एवं जल व्यवस्था आदि की देख-रेख करना ।

2).   सहकारी समिति के सदस्यों का चुनाव आवंटी चुनाव या आम सहमति के द्वारा करेंगे ।

3).   सहकारी समिति में निम्नानुसार पदाधिकारी होंगे -
अ.    अध्यक्ष
ब.    सचिव
स.    कोषाध्यक्ष
द.    पाँच सदस्य ।


प्रबंध संचालक
म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट
विकास निगम, भोपाल


 

कार्यालय पता

  • कार्यपालिक अधिकारी, म.प्र. राज्य पशुधन
    एवं कुक्कुट विकास निगम, जबलपुर
    संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, परिसर,
    मिल्क स्कीम भवन, शोभापुर रोड, आधारताल,
    जबलपुर। 482004
  • साइट का पता : डेयरी स्टेट परियोजना,
    म.प्र. राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम, जबलपुर
    ग्राम - खम्हरिया (बरेला), जनपद पंचायत, जबलपुर
  • Phone No.: 942-538-9353